रुसेरा घाट स्टेशन पर ट्रेन ठहराव की मांग तेज:अनुमंडल मैदान में आज जुटेगी भारी भीड़, लोगों का ऐलान-अब होगी आर-पार की लड़ाई”

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- 09 May, 2025
मोहम्मद आलम
रोसड़ा/समस्तीपुर:रुसेरा घाट स्टेशन पर ट्रेन ठहराव को लेकर एक बार फिर रोसड़ा शहर के लोग मुखर होते दिख रहे हैं।लंबे समय से इस स्टेशन पर नियमित ठहराव की मांग होती रही है,लेकिन आज तक जनप्रतिनिधियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।यही कारण है कि रोसड़ा वासी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अन्य छोटे-छोटे स्टेशनों पर गाड़ियां रुक सकती हैं तो फिर रुसेरा घाट जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को क्यों नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। रोज़ाना हजारों यात्रियों को मजबूरी में दूर-दराज के स्टेशनों का सहारा लेना पड़ता है,जिससे समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है।लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर और बढ़ गया है कि चुने हुए जनप्रतिनिधि—चाहे एमएलए हों या एमपी ने अब तक उनकी इस मूलभूत समस्या पर कोई ठोस पहल नहीं की।रोसड़ा वासियों का कहना है कि विकास का नाम सिर्फ भाषणों और कागज़ों में सिमटकर रह गया है,ज़मीनी हकीकत पूरी तरह अलग है।अब शहर के लोग अपने हक को लेकर सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि अगर जल्द ही ट्रेन ठहराव की घोषणा नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। बताते चलें कि रुसेरा घाट स्टेशन पर ट्रेन ठहराव की लड़ाई अब रोसड़ा की जनता के सब्र का बांध तोड़ चुकी है। वर्षों से ठहराव की मांग उठती रही, लेकिन नेताओं की अनदेखी और प्रशासन की बेरुख़ी ने शहरवासियों को उग्र बना दिया है।अब यह लड़ाई सिर्फ मांग नहीं, बल्कि सम्मान और हक की जंग बन गई है।रुसेरा घाट स्टेशन पर ट्रेन ठहराव की लड़ाई अब चिंगारी से शोला बन चुकी है।वर्षों से नेताओं के वादे और भरोसे के बावजूद ट्रेन ठहराव की समस्या जस की तस है।रोसड़ा की जनता अब जनप्रतिनिधियों की बेरुख़ी को सीधी चुनौती देने के मूड में है।एक बुजुर्ग यात्री ने तंज कसा “हमारे नेताओं के लिए चुनाव जीतने के बाद रोसड़ा का नक्शा गायब हो जाता है। विकास की गाड़ी हर जगह रुकती है,लेकिन रुसेरा घाट पर क्यों नहीं? गौरतलब है कि रोसड़ा में सन्नाटा अब टूट चुका है। गुस्से की लहर गलियों से निकलकर मैदान तक पहुंच चुकी है। वर्षों से ठगे जा रहे लोग अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। रुसेरा घाट स्टेशन पर ट्रेन ठहराव को लेकर जनता का आक्रोश विस्फोटक रूप ले चुका है।रोसड़ा की आवाज़ अब और दबने वाली नहीं।अनुमंडल मैदान आज इस बात का गवाह बनेगा कि जब जनता उठ खड़ी होती है, तो सबसे बड़ी ताक़त बन जाती है।अब जनता ने तय कर लिया है कि आज शाम 5 बजे अनुमंडल मैदान में भारी जनसैलाब जुटेगा। वहां से आगे की रणनीति बनेगी और साफ ऐलान होगा।ट्रेन रुकेगी तभी गुस्सा थमेगा,
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